Tag: मान्यताएं

नास्तिकों के लिए निर्णय लेना और ज़िम्मेदारी स्वीकार करना क्यों आसान होता है? 30 जुलाई 2015
स्वामी बालेन्दु स्पष्ट कर रहे हैं कि उन्होंने अक्सर यह देखा है कि आस्थावान लोगों ... Read More

क्या मैं पैसे कमाने के लिए नास्तिक हो गया – 8 फरवरी 2015
जब स्वामी बालेंदु को पता चला कि उनके एक पुराने दोस्त को यह शक हो ... Read More

जब मैं पारंपरिक विवाह समारोह में शिरकत करता हूँ तो क्या मैं दहेज प्रथा का समर्थन करता हूँ? 25 दिसंबर 2014
स्वामी बालेंदु एक दहेज प्रथा विरोधी भारतीय के इस सवाल का जवाब दे रहे हैं ... Read More

जब परिवार वाले अस्पृश्यता पर अमल करें तब उनके प्रति आप सहिष्णु नहीं रह सकते – 24 दिसंबर 2014
स्वामी बालेंदु उन परिस्थितियों का वर्णन कर रहे हैं, जहाँ आप सहिष्णु बने नहीं रह ... Read More

अलग-अलग आस्था रखने वाले मित्र – यह मित्रता कैसे निभ सकती है! 4 नवंबर 2014
स्वामी बालेंदु विस्तार से बता रहे हैं कि वे कैसे धार्मिक मित्रों के साथ पटरी ... Read More

प्रियजन को खोना आपके विश्वास की जड़ों को हिला देता है – 12 अक्टूबर 2014
स्वामी बालेंदु अपनी धार्मिकता और अपने परिवार के धार्मिक विश्वासों पर हुए अपनी बहन की ... Read More

अंधविश्वास के प्रति सहिष्णुता बरक्स बच्चों को अंधविश्वास से दूर रखना- 9 अक्टूबर 2013
स्वामी बालेंदु स्पष्टीकरण दे रहे हैं कि क्यों आश्रम उन कर्मचारियों को वापस काम पर ... Read More

आस्था और अंधविश्वास में कोई फर्क नहीं – अपनी आस्था पर विश्वास करना बंद करें! 5 जुलाई 2013
स्वामी बालेंदु यह प्रश्न कर रहे हैं कि ऐसी बहुत सी बातों को, जिन्हें धर्मभीरु ... Read More

सम्पूर्ण विश्वास बहुत खतरनाक होता है, सिर्फ दिखावा कीजिए कि आप ईश्वर पर भरोसा करते हैं 4 जुलाई 2013
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि अधिकतर लोग जो कहते हैं कि वे ईश्वर पर ... Read More

कभी ईश्वर का अनुभव नहीं किया? कोई बात नहीं, ऐसे आप अकेले नहीं हैं! – 6 जून 2013
स्वामी बालेंदु ईश्वर के अहसास या अनुभूति के बारे में लिखते हुए बता रहे हैं ... Read More

दावत से दिखावे की रस्म पूरी होती है न कि मौत की – 28 दिसम्बर 12
स्वामी बालेन्दु ने मृत्यु के तेरह दिन बाद होने वाले परम्परागत रिवाज तेरहवी का वर्णन ... Read More

जब धार्मिक परम्पराओं के सामने 50 साल की दोस्ती को ताक पर रख दिया जाता है – 27 दिसंबर 2012
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे उनके पिता को बड़ा दुख हुआ जब उनके ... Read More