आस्था आपको पशुओं का मल-मूत्र भी खिला पिला सकती है – 8 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि किस तरह भारत में इस समय गोमूत्र, गोबर और उनसे तैयार सामानों की धूम मची हुई है।
यहाँ आप अन्धविश्वास के विषय में स्वामी बालेन्दु के ब्लॉग पढ़ सकते हैं. भारत तथा पश्चिमी देशों में बहुत से प्रचलित अन्धविश्वास हैं और उनके परिणाम क्या हो सकते हैं, यह भी आप यहाँ पढ़ सकते हैं!
आप स्वयं निश्चित कर सकते हो कि आप अवैज्ञानिक और आधारहीन परम्पराओं और अन्धविश्वासों के साथ जीना चाहते हो या वैज्ञानिक दृष्टिकोण से! अन्धविश्वास के विषय में दो संस्कृतियों का अनुभव करने वाले व्यक्ति के रोचक विचार यहाँ पढ़ें.
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि किस तरह भारत में इस समय गोमूत्र, गोबर और उनसे तैयार सामानों की धूम मची हुई है।
स्वामी बालेन्दु विख्यात तर्कवादी, नरेंद्र नायक के विषय में चर्चा करते हुए बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने स्कूल के बच्चों के समक्ष लोकप्रिय गुरुओं के कपटपूर्ण जादू का पर्दाफाश किया।
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे एक साधु के स्वप्न को सच मानकर भारत सरकार खजाने की खोज में लाखों रुपए खर्च कर डालती है।
स्वामी बालेंदु स्पष्टीकरण दे रहे हैं कि क्यों आश्रम उन कर्मचारियों को वापस काम पर नहीं रखना चाहता, जो सिर्फ इस ज़िद में काम छोड़कर चले गए थे कि वे चेचक की दवा नहीं खाना चाहते।
स्वामी बालेंदु सोशल नेटवर्क पर अपने आश्रम के बच्चों को दवाइयाँ खिलाए जाने के बारे में हुई चर्चा के दौरान प्राप्त प्रतिक्रियाओं का विवरण दे रहे हैं।
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे आश्रम के दो कर्मचारी अपनी नौकरी छोड़कर चले गए क्योंकि उन्हें चेचक निकल आई थी-लेकिन उन्होंने दवाई लेना गवारा नहीं किया!
स्वामी बालेंदु यह प्रश्न कर रहे हैं कि ऐसी बहुत सी बातों को, जिन्हें धर्मभीरु लोग आस्था कहते हैं, हम अंधविश्वास क्यों न कहें। जितना हम समझते हैं, ये दोनों बातें एक दूसरे से उतना अलग नहीं हैं! कैसे, यहाँ पढ़ें।
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि अधिकतर लोग जो कहते हैं कि वे ईश्वर पर विश्वास करते हैं, दरअसल सिर्फ दिखावा करते हैं। वे क्यों ऐसा सोचते हैं, यहाँ पढ़ें!
स्वामी बालेंदु एक प्रकरण की याद कर रहे हैं जिसमें ईश्वर प्राप्ति की तमन्ना में पूरा परिवार सामूहिक आत्महत्या कर लेता है।
स्वामी बालेंदु अपनी किशोरावस्था में देखे गए पीलिया के वैकल्पिक इलाज के बारे में बता रहे हैं जो पूर्णतः बेतुके और मूर्खतापूर्ण अंधविश्वासों से परिचालित था!