संयुक्त परिवार के बाईस लोग और पाँच कमरे – हमारे स्कूल के बच्चे – 11 सितंबर 2015
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल की एक लड़की का परिचय अपने पाठकों से करवा रहे हैं, जो 22 सदस्यों वाले एक संयुक्त परिवार में रहकर बड़ी हो रही है।
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल की एक लड़की का परिचय अपने पाठकों से करवा रहे हैं, जो 22 सदस्यों वाले एक संयुक्त परिवार में रहकर बड़ी हो रही है।
स्वामी बालेन्दु से किसी व्यक्ति ने अपनी इस समस्या पर उनके विचार पूछे: दिन भर के काम के भयंकर तनाव के बाद वह इतना थक जाता है या उसे इतना समय ही नहीं मिलता कि पत्नी के साथ सम्भोग कर सके! क्या किया जाए? बालेन्दु जी का उत्तर यहाँ पढ़ें।
स्वामी बालेंदु भारतीय संयुक्त परिवार में व्याप्त धार्मिक और अंधविश्वास से पूर्ण रीति-रिवाजों के बारे में लिख रहे हैं, जो भारतीय पुरुषों से विवाहित पश्चिमी महिलाओं के सामने अक्सर समस्या के रूप में उपस्थित हो सकते हैं।
स्वामी बालेंदु एक ऐसे विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं, जो आगे चलकर कई और समस्याओं में परिणत हो जाते हैं, जब एक पश्चिमी महिला अपने भारतीय जीवन साथी के साथ उसके देश भारत में संयुक्त परिवार में रहने का निश्चय करती है!
स्वामी बालेन्दु कुछ ठोस सवाल पेश कर रहे हैं, जिन्हें पश्चिमी महिला और भारतीय पुरुष जोड़ों को एक-दूसरे से और अपने आपसे भी पूछना चाहिए। जैसे कि स्त्री अपना कोई काम या नौकरी करेगी या सिर्फ घर संभालेगी!
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल के एक बच्चे का परिचय अपने पाठकों से करवा रहे हैं, जिसके संयुक्त परिवार में इतना कटु विवाद हुआ कि उन्होंने घर के बीचोंबीच दीवार खड़ी कर ली।
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि कभी-कभी कैसे भारत के पारंपरिक आयोजित विवाह घर में एक अतिरिक्त सहायक प्राप्त करने का ज़रिया नज़र आते हैं। वे इस नतीजे पर क्यों पहुँचे, यहाँ पढ़िए।
स्वामी बालेंदु मोनिका, उसकी पारिवारिक स्थिति और शल्यक्रिया के पश्चात उसके हालचाल पर थोड़ा सा आँखों देखा हाल बता रहे हैं और उन पर अपने कुछ विचार व्यक्त कर रहे हैं।
स्वामी बालेंदु उनकी बहन की मृत्यु के बाद उनके परिवार में छाए गहरे शोक का चित्रण कर रहे हैं।
बहुत से लोगों को वृद्धावस्था में बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। स्वामी बालेन्दु उनकी इस हालत का वर्णन करते हुए समझा रहे हैं कि वृद्धों को क्यों उनके लिए बनाए गए वृद्धाश्रम में रहने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं होता।