क्या आप केवल पैसा कमाने के लिए काम करते हैं? अथवा जो करते हैं उसमें आपको आनंद भी आता है?
स्वामी बालेन्दु इस ब्लॉग में कार्य के विषय में लिखते हैं. आपके कामकाज के प्रति आपका रवैया क्या है, और आप अपना दिन किस तरह बिताते हैं! आप अपने कार्य को बढ़िया और प्रभाव पूर्ण ढंग से तब कर पायेंगे जबकि आप अपने काम से प्रेम भी करेंगे!
स्वामी बालेन्दु यहाँ उनके विषय में भी लिखते हैं जो कि काम करना ही नहीं चाहते और उनके विषय में भी जिन्हें काम करने की लत पड़ चुकी है!
स्वामी बालेन्दु से किसी व्यक्ति ने अपनी इस समस्या पर उनके विचार पूछे: दिन भर के काम के भयंकर तनाव के बाद वह इतना थक जाता है या उसे इतना समय ही नहीं मिलता कि पत्नी के साथ सम्भोग कर सके! क्या किया जाए? बालेन्दु जी का उत्तर यहाँ पढ़ें।
स्वामी बालेन्दु अपने काम के बारे में बता रहे हैं और यह भी कि वे क्यों उससे प्रेम करते हैं भले ही उन्हें बहुत काम करना पड़ता हो, उनका घर और परिवार भी उसमें संलग्न हो जाता हो।
स्वामी बालेंदु लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने समय का समुचित उपयोग करें। वे काम न करें जो उन्हें पसंद नहीं हैं क्योंकि वह दिन भर का, एक सप्ताह का और साल भर का काफी समय बरबाद कर देते हैं!
स्वामी बालेंदु चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवर लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए यह याद रखने की सलाह दे रहे हैं कि उन्हें पूरी संलग्नता से अपना काम करते हुए भी उससे दूरी बनाए रखना चाहिए।
स्वामी बालेन्दु यह समझा रहे हैं कि यदि महिला प्रबंधकों की संख्या अधिक हो तो बहुत सी समस्याओं का अंत हो सकता है!
स्वामी बालेन्दु समझा रहे हैं कि प्रबंधन में लगे हुए बहुत से लोग अपनी गलत धारणाओं, आदतों या अपने उच्चाधिकारियों के दबाव के चलते अब भी अपने मातहत कर्मचारियों को डाँटते-फटकारते रहते हैं!
स्वामी बालेंदु लिख रहे हैं कि कामकाजी जीवन में मौजूद प्रतिस्पर्धा और पुरस्कार आपके अहं को पुष्ट करते हैं और जब सफलता नहीं मिलती तो वह ध्वस्त हो जाता है।