Tag: दर्शनशास्त्र

मुफ्त सुविधाओं का लाभ उठाते हुए आर्थिक बराबरी का उपदेश – 25 नवम्बर 2015
स्वामी बालेंदु आश्रम के एक मेहमान के इस विचार पर एक विस्तृत टिप्पणी लिख कर ... Read More

क्या करें जब चीज़ें आपके आदर्शों के अनुरूप न हों – 24 नवंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्या करें जब आप कुछ आदर्शों के समर्थक होते ... Read More

हाँ, मुझे सेक्स, पैसा, भौतिक पदार्थ और मेरी पत्नी पसंद हैं और मुझे कोई अपराधबोध भी नहीं है! 19 नवंबर 2015
स्वामी बालेंदु उन चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे उन्हें प्रेम है, भले ... Read More

आध्यात्मिक जिज्ञासुओं के लिए फंदा: अस्तित्वहीन की खोज का अंतहीन सिलसिला – 30 जुलाई 2014
स्वामी बालेन्दु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं जो गुरुओं, धर्मों और स्वामियों ... Read More

अगर पाना चाहते हैं तो खोजना बंद करें! 29 जुलाई 2014
स्वामी बालेंदु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं, जो अपने आपको ‘साधक’ कहते ... Read More

सिर्फ असंतुष्ट लोग ही जीवन के मकसद के बारे में पूछते हैं – 28 जुलाई 2014
स्वामी बालेंदु के व्यक्तिगत सत्र में एक व्यक्ति शामिल हुआ और कहा कि कुछ लोग ... Read More

एक मित्र, जो धर्म पढ़ाता है मगर उस पर विश्वास नहीं करता – 17 जुलाई 2014
स्वामी बालेन्दु अपने एक जर्मन मित्र के बारे में बता रहे हैं जो अपने स्कूल ... Read More

मुक्ति की आकांक्षा में मृत्यु कि प्रतीक्षा करने के स्थान पर जीवित रहते हुए अपने आपको धर्म के बंधन से मुक्त कीजिए और खुश रहिए! 16 जुलाई 2014
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे हिन्दू दर्शन लोगों को उन अपराधों के लिए ... Read More

क्यों आप खुद कठपुतली बनकर अपने जीवन को किसी गुरु के हवाले करना चाहते हैं?- 22 जुलाई 2013
स्वामी बालेंदु समझा रहे हैं कि क्यों वे समझते हैं कि गुरुवाद ताकत और भोले-भाले ... Read More

अगर मैं, आप और हम सब ईश्वर हैं तो आप ये उपदेश किसे दे रहे हैं? – 21 जून 2013
स्वामी बालेंदु वेदान्त के दर्शन के बारे में विचार करते हुए कहते हैं कि क्यों ... Read More

कर्म का सिद्धांत लोगों को अपनी जिम्मेदारियों से भागने की सुविधा प्रदान करता है – 05 फरवरी 2013
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि किस तरह कर्म का सिद्धांत (धार्मिक) लोगों को धर्म ... Read More

बौद्ध धर्म की महामूर्खता: लामा के अवतार का चुनाव- 30 जुलाई 2012
स्वामी बालेंदु बौद्ध धर्म और उसकी परम्पराओं के बारे में लिखते हुए जानकारी दे रहे ... Read More

बौद्ध धर्म भी एक धर्म है, आप इस तथ्य को स्वीकार क्यों नहीं करते? 5 जून 2012
कुछ लोग कहते हैं कि बुद्धिज़्म धर्म नहीं है बल्कि एक दर्शन है! इस विषय ... Read More

कर्म के तीन प्रकार-संचित,प्रारब्ध एवं क्रियमाण – 14 May 08
Excerpt of Swami Ji?s lecture about the eastern philosophy of the three Karmas: Sanchit, Prarabhdh ... Read More