हर साल घर में पानी घुस जाता है – हमारे स्कूल के बच्चे – 18 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल के दो सबसे गरीब परिवार से आने वाले बच्चों का परिचय करवा रहे हैं। हर साल बारिश में यमुना की बाढ़ का पानी उनके घर में प्रवेश कर जाता है!
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल के दो सबसे गरीब परिवार से आने वाले बच्चों का परिचय करवा रहे हैं। हर साल बारिश में यमुना की बाढ़ का पानी उनके घर में प्रवेश कर जाता है!
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल के दो बच्चों का परिचय अपने पाठकों से करवा रहे हैं। उनका पिता नाई है और इतना नहीं कमा पाता कि उन्हें स्कूल भेज सके।
स्वामी बालेंदु अपने चैरिटी स्कूल की दो लड़कियों का परिचय अपने पाठकों से करवा रहे हैं, जिनके नाम सुनीता और कविता हैं। इन लड़कियों के बारे में पढ़िए और उनके घर और परिवार का वीडियो भी देखिए।
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल की एक लड़की का परिचय अपने पाठकों से करवाते हुए उसके परिवार की व्यथा-कथा लिख रहे हैं और बता रहे हैं कि कैसे काम के अवसरों की कमी के चलते पिता के लिए परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल होता है और परिवार हर समय आर्थिक कठिनाइयों से जूझता रहता है।
स्वामी बालेंदु अपने पाठकों से अपने स्कूल के एक लड़के का परिचय करवा रहे हैं, जिसका परिवार बिना बिजली के दो कमरों वाले किराए के मकान में गुज़र-बसर करता है। पिता पेंटर है-जिसकी कोई औपचरिक योग्यता उसने प्राप्त नहीं की है!
स्वामी बालेंदु पाठकों से अपने स्कूल के तीन बच्चों का परिचय करवा रहे हैं। उनका पिता एक चाय की गुमटी लगाता है-लेकिन उससे होने वाली कमाई अब बच्चों की स्कूल-फीस अदा करने के लिए पर्याप्त नहीं होती।
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल के एक बच्चे का परिचय करवा रहे हैं, जिसके सहोदर भाई-बहनों के बारे में वे पहले ही अपने ब्लॉग में लिख चुके हैं।
स्वामी बालेंदु अपने पाठकों से अपने स्कूल के एक लड़के का परिचय करवा रहे हैं, जो नाइयों के एक परिवार का सदस्य है और जो परिवार के दूसरे चार सदस्यों के साथ साझा रसोई वाले एक कमरे के घर में रहते हैं।
स्वामी बालेन्दु अपने स्कूल के दो बच्चों से आपका परिचय करवा रहे हैं, जिनके अभिभावक अपने सबसे बड़े बेटे को सिर्फ एक सस्ते निजी स्कूल में पढ़ाने की हैसियत रखते हैं-और वहाँ वह आज तक ज़्यादा कुछ नहीं सीख पाया!
आज आश्रम में आयोजित एक और पार्टी का वर्णन करते हुए स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे उनके स्कूल के बच्चों ने न सिर्फ उसमें हिस्सा लिया बल्कि एक सुखद आश्चर्य से भर उठे!