अपने दिमाग के दरवाजे दूसरों के लिए खुले छोड़ देने के खतरे – 18 मार्च 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि जब आप अपने विचारों को ऐसे लोगों के सामने रखते हैं, जो उनका निर्वाह ज़िम्मेदारी के साथ नहीं करते तो यह कितना खतरनाक हो सकता है।

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परमात्मा? हाँ, धर्म? ना – आध्यात्मिकता का आधुनिक विचार – 12 फरवरी 13

स्वामी बालेन्दु आजकल की उस लोकप्रियमान्यता के विषय में लिखते हैं जिसमें की लोग ईश्वर पर तो विश्वास करते हैं परन्तु धर्म पर नहीं|

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हिन्दू धर्म की एक मूलभूत अवधारणा को नज़रअंदाज़ किए बिना आप हिन्दू धर्म में शामिल नहीं हो सकते- 5 जुलाई 2012

स्वामी बालेंदु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं जो अपना धर्म छोड़ कर हिन्दू धर्म अपना लेते हैं, जब कि हिन्दू धर्म में धर्म-परिवर्तन की कोई गुंजाइश ही नहीं है। ऐसे निरर्थक कामों से पैदा होने वाली हास्यास्पद स्थिति की विडम्बना के बारे में यहाँ पढ़िये।

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