अपने दिमाग के दरवाजे दूसरों के लिए खुले छोड़ देने के खतरे – 18 मार्च 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि जब आप अपने विचारों को ऐसे लोगों के सामने रखते हैं, जो उनका निर्वाह ज़िम्मेदारी के साथ नहीं करते तो यह कितना खतरनाक हो सकता है।
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि जब आप अपने विचारों को ऐसे लोगों के सामने रखते हैं, जो उनका निर्वाह ज़िम्मेदारी के साथ नहीं करते तो यह कितना खतरनाक हो सकता है।
स्वामी बालेन्दु आजकल की उस लोकप्रियमान्यता के विषय में लिखते हैं जिसमें की लोग ईश्वर पर तो विश्वास करते हैं परन्तु धर्म पर नहीं|
स्वामी बालेंदु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं जो अपना धर्म छोड़ कर हिन्दू धर्म अपना लेते हैं, जब कि हिन्दू धर्म में धर्म-परिवर्तन की कोई गुंजाइश ही नहीं है। ऐसे निरर्थक कामों से पैदा होने वाली हास्यास्पद स्थिति की विडम्बना के बारे में यहाँ पढ़िये।