Tag: मनोविज्ञान

जब महिलाएँ अपने पति के विवाहेतर संबंधों को स्वीकार कर लेती है – 7 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु उस परिस्थिति के बारे में लिख रहे हैं, जिसमें भारतीय महिलाएँ और पश्चिमी ... Read More

क्या करें जब चीज़ें आपके आदर्शों के अनुरूप न हों – 24 नवंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्या करें जब आप कुछ आदर्शों के समर्थक होते ... Read More

क्या करें जब असुरक्षा की भावना से पीड़ित लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश करें? 18 नवंबर 2015
स्वामी बालेंदु एक ऐसे व्यक्ति का खाका खींच रहे हैं, जो मूलतः असुरक्षाग्रस्त होता है ... Read More

अहं के चलते आपसी संबंधों में आने वाली समस्याओं से कैसे निपटें – 29 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेंदु संबंधों में अहं की नकारात्मक भूमिका के विषय में लिखते हुए बता रहे ... Read More

इस संज्ञान का मुकाबला कैसे करे कि आप ज़्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहने वाले हैं? 28 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेंदु घातक बीमारियों और अपंगता के बारे में लिखते हुए बता रहे हैं कि ... Read More

संबंधों में आने वाली कठिनाइयों के समय मानसिक संतुलन न खोना – 27 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि आपसी संबंधों के बीच पैदा होने वाली समस्याओं, जैसे ... Read More

समस्याओं के प्रति आपका रवैया-आप उनसे घबराते हैं या उनका डटकर मुकाबला करते हैं? 26 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि समस्याओं का सामना होने पर कैसे आपकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि ... Read More

आपका प्रत्यक्ष ज्ञान (ग्रहण-बोध) आपकी दुनिया को बदल देता है – 21 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे आपका लालन-पालन, आपकी संस्कृति, और आपकी परिस्थितियाँ आपके ... Read More

अपने अत्यल्प साधनों से भी योगदान करें क्योंकि छोटी चीज़ का भी असर होता है – 6 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेंदु लोगों प्रोत्साहित करते हुए निवेदन कर रहे हैं कि दुनिया में हो रही ... Read More

जीवन का आनंद लेते हुए खुद को अपराधी महसूस न करें! 5 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्यों बिना किसी अपराधबोध के आपको वही काम करना ... Read More

हमें शिकायत क्यों नहीं करना चाहिए? इसका उत्तर यहाँ है – 28 मई 2015
स्वामी बालेन्दु अपने पाठको से कह रहे हैं कि क्यों उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति, अपने ... Read More

जब आप जीवन को सहज, सामान्य रूप से लेते हैं तो वह सरल हो जाता है! 16 अप्रैल 2015
स्वामी बालेन्दु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं, जो सहज-सामान्य बातों को तो ... Read More

अगर मामूली से मामूली काम भी आपको कठिन लगता है तो कृपया इसे अवश्य पढ़ें – 15 अप्रैल 2015
स्वामी बालेन्दु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं जो ईमानदारी से सोचते हैं ... Read More

अगर आपको भी सरल सामान्य बातों को बढ़ा-चढ़ाकर दुःसाध्य प्रदर्शित करने की आदत है तो इसे अवश्य पढ़ें – 14 अप्रैल 2015
स्वामी बालेन्दु उन लोगों की चर्चा कर रहे हैं, जो छोटे-मोटे और आसान काम को ... Read More

बदलाव को स्वीकार करें और अपनी खुशी को महत्व दें – 24 मार्च 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे लोग बाहरी परिवर्तनों को लेकर विचलित होते हैं ... Read More

यथार्थ से कोसों दूर अपने निजी यथार्थ का निर्माण – 17 मार्च 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि वास्तविक संसार के नैसर्गिक नियमों की अनदेखी करते हुए ... Read More

महत्वाकांक्षी होना अच्छा है – लेकिन स्वार्थी न हों – 3 मार्च 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि महत्वाकांक्षी होना क्यों बुरा नहीं है। यहाँ उसके फ़ायदों ... Read More

स्वास्थ्य के मुकाबले अपनी बीमारी से ज्यादा प्यार मत कीजिए! 5 मई 2014
स्वामी बालेन्दु उनके विषय में लिख रहे हैं, जिन्हें बीमार होना और बीमार पड़े रहना ... Read More

गहरे अवसाद और बर्न आउट के बाद वापस सामान्य होने की लम्बी और थका देने वाली प्रक्रिया- 22 अगस्त 2013
स्वामी बालेंदु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं, जो शारीरिक और मानसिक क्षय ... Read More

सफलता और शिखर पर पहुँचने की महत्वाकांक्षा कहीं तनाव, अवसाद और पतन की राह पर न ले जाए! 21 अगस्त 2013
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि किस तरह कई लोग समय से पहले बूढ़े हो ... Read More

बलात्कार में स्त्री ही ज़ख्मी होती है, स्त्री ही दोषी होती है यौन शुचिता वाले समाज में – 14 जनवरी 13
स्वामी बालेन्दु भारतीय समाज के उस गलत सोच और व्यवहार के विषय में लिखते हैं, ... Read More

हिन्दू धर्म की एक मूलभूत अवधारणा को नज़रअंदाज़ किए बिना आप हिन्दू धर्म में शामिल नहीं हो सकते- 5 जुलाई 2012
स्वामी बालेंदु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं जो अपना धर्म छोड़ कर ... Read More