Tag: आनन्द

अत्यधिक सेक्स किस तरह एक रूखा अनुष्ठान बनकर रह जाता है – 2 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे आप भले ही अत्यधिक सेक्स करते हों, खुले, ... Read More

जब कभी भी कुछ भी ठीक होता नज़र नहीं आता क्योंकि संतुष्टि भीतर से आती है – 2 नवंबर 2015
स्वामी बालेंदु उनके बारे में अपने विचार लिख रहे हैं जो कभी संतुष्ट या खुश ... Read More

अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो आप अति-आदर्शवादी नहीं हो सकते – 27 अगस्त 2015
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि यदि आप कुछ ज़्यादा ही आदर्शवादी हैं तो यह ... Read More

नास्तिक दूसरों की सहायता करने के लिए अच्छे काम करते हैं, पुण्य कमाने के लिए नहीं – 29 जुलाई 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि नास्तिक अच्छा काम इसलिए करते हैं क्योंकि वे सोचते ... Read More

हमें शिकायत क्यों नहीं करना चाहिए? इसका उत्तर यहाँ है – 28 मई 2015
स्वामी बालेन्दु अपने पाठको से कह रहे हैं कि क्यों उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति, अपने ... Read More

बदलाव को स्वीकार करें और अपनी खुशी को महत्व दें – 24 मार्च 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे लोग बाहरी परिवर्तनों को लेकर विचलित होते हैं ... Read More

कृपया इसे अवश्य पढ़ें यदि आप रोजमर्रा की जिन्दगी से बचने के लिए छुट्टियाँ मनाने जाते हैं! 2 फरवरी 2015
जब आपका सारा साल अवकाश के उन चार सप्ताहों पर केन्द्रित होता है तो फिर ... Read More

अपने जीवन का समय बरबाद न हो इसलिए अपने काम से प्रेम करें – 21 जनवरी 2015
स्वामी बालेंदु लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने समय का समुचित उपयोग ... Read More

अच्छे और बुरे, दोनों वक़्तों में, दोस्त दोस्त होते हैं – 4 दिसंबर 2014
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे वे आजकल आश्रम आए हुए अपने दोस्तों के ... Read More

मानसिक शांति अधिक महत्व्पूर्ण है या धन-दौलत? 30 नवम्बर 2014
स्वामी बालेन्दु अपने एक मित्र के बारे में बता रहे हैं, जो सन् 2005 में ... Read More

दूसरों को गलतियाँ ढ़ूँढ़ने के काम में लगे रहने दीजिए और मस्त रहिए! 27 नवम्बर 2014
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि कैसे कुछ लोग आपकी गलतियाँ ही ढूँढ़ते रहते हैं। ... Read More

आप अपने लिए और अपनी ख़ुशी के लिए खुद ज़िम्मेदार हैं – 20 नवम्बर 2014
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि आप किस तरह इस बात का एहसास कर सकते ... Read More

अपने माता-पिता को दोष देना बंद कीजिए – अपने जीवन की ज़िम्मेदारी खुद वहन कीजिए! 19 नवंबर 2014
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि अपने माता-पिता की गलतियों पर कुढ़ना बंद करके उसकी ... Read More

हमारी छोटी सी, ऊर्जावान परफेक्शनिस्ट अपरा – 18 नवंबर 2014
स्वामी बालेंदु अपनी बड़ी और विकसित होती बेटी, अपरा के बारे में लिख रहे हैं-और ... Read More

आश्रम आए हुए जर्मन परिवार और मित्रों के साथ अपरा की मौज-मस्ती – 30 अक्टूबर 2014
जर्मन रिश्तेदारों के आने पर स्वामी बालेंदु की बेटी की खुशी और उसका उल्लास देखते ... Read More

प्रेम मुझे दुनिया का सबसे प्रसन्न व्यक्ति बनाता है – 27 अक्टूबर 2014
स्वामी बालेंदु खुद अपने जीवन के प्रेमानुभाव पर एक बेहद व्यक्तिगत नोट लिख रहे हैं। ... Read More