हमें घनिष्ट रूप से जुड़ना पसंद है – एक कैनेडियन योग दल का आश्रम आगमन – 13 दिसंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे सारे आश्रम ने एक कैनेडियन दल के साथ बेहद सुखद और व्यस्त समय गुज़ारा। उनके योग विश्रांति शिविर के अनुभवों के विषय में यहाँ पढ़िए।

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दीपों, मिठाइयों और मित्रों के साथ दीवाली का हर्षोल्लास – 11 नवंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि वे, आश्रम-परिवार और आश्रम आए हुए अतिथि दिवाली के अवसर पर क्या-क्या करने वाले हैं और यह भी कि भारत में दीपों का यह पर्व किस प्रकार मनाया जाता है।

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छोटी सी डांसर अपरा ने दिया स्वतः प्रवर्तित नृत्य प्रदर्शन – 9 नवम्बर 2015

स्वामी बालेंदु कल वृन्दावन में हुए बच्चों के एक उत्सव, ‘बाल मेला’ के बारे में बता रहे हैं, जिसमें आश्रम के दूसरे बच्चों एवं अतिथियों के साथ उनकी बेटी भी गयी थीं और वहाँ उसने अपना कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।

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आजकल हम एक साथ बहुत से कार्यक्रमों की तैयारी में व्यस्त हैं! 8 नवंबर 2015

स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि वे एक साथ बहुत से कार्यक्रमों की तैयारी में कितने व्यस्त हैं-एक नया समूह उनके यहाँ आने वाला है, और जल्द ही एक यात्रा पर भी निकलना है!

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आश्रम आने के विषय में पूछताछ का एक उदाहरण, जिसे हमने अस्वीकार कर दिया – 5 नवंबर 2015

स्वामी बालेंदु आश्रम आने की इच्छुक एक महिला के साथ हुई ईमेल बातचीत की प्रतिलिपि प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने उसे मना कर दिया-क्योंकि वह धार्मिक माहौल की तलाश में थी।

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2016 में रंगों के त्यौहार, होली की मस्ती में हमारे साथ शामिल हों – 22 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु अपने पाठकों को 2016 की होली पर आयोजित मौज-मस्ती के विश्रांति-सत्र के ज़रिए रंगों के उत्सव का आनंद लेने हेतु आश्रम में आमंत्रित कर रहे हैं!

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जब आश्रम आना ऐसा लगता है जैसे किसी विशाल चिड़ियाघर देखने आए हों – 20 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु आश्रम में और आश्रम के बाहर वृंदावन में घूमते हुए हर कहीं दिखाई देने वाले विभिन्न पशुओं के बारे में बता रहे हैं। अलग-अलग यात्रियों की रोचक प्रतिक्रियाओं के बारे में यहाँ पढ़िए।

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सीज़न शुरू होते ही दोस्तों का आना शुरू हो चुका है – आश्रम के जीवन में परिवर्तन हो रहा है – 6 सितंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि आश्रम में नए-पुराने दोस्तों का आना-जाना शुरू हो गया है और वे आपस में अपने अनुभव साझा रहे हैं और आने वाले मेहमानों का स्वागत करके खुश हो रहे हैं।

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यदि आप रूखे और अशिष्ट ईमेल भेजते हैं तो समझ लीजिए, हम आश्रम में आपका स्वागत नहीं करेंगे! 23 अगस्त 2015

स्वामी बालेन्दु एक महिला के बारे में बता रहे हैं, जो अपने ईमेल में बहुत रूखी और बद्तमीज़ दिखाई दे रही थी-और हमारी वार्ता के अंत तक शायद उसे पछतावा भी होने लगा था। क्यों? यहाँ पढ़िए!

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वृन्दावन के हमारे आश्रम में नास्तिक सम्मेलन – 26 जुलाई 2015

स्वामी बालेंदु दो दिन पहले उनके आश्रम में आयोजित नास्तिक सम्मेलन के बारे में बता रहे हैं। लोग मरणोपरांत अपना शरीर दान करने के लिए आवेदन कर सकते हैं, अपने विचार और अपने तर्कसम्मत दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं और इनके अलावा समरुचि वाले साथियों के साथ नाच-गाना और मनोरंजन कर सकते हैं!

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