आक्रामक टूरिस्ट गाइड्स भारत में स्वच्छंद घूमने-फिरने का मज़ा किरकिरा कर देते हैं – 11 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु भारत भ्रमण पर आए विदेशी यात्रियों के कटु अनुभवों का वर्णन करते हुए बता रहे हैं कि कैसे सामान बेचने वाले, गाइड और यहाँ तक कि पंडे-पुजारी भी यात्रियों की तकलीफ और असुविधा बढ़ा देते हैं-आगे चलकर इसके और भी बुरे परिणाम सामने आते हैं!

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सामान्य टूरिस्ट गाइडों से हम किस तरह अलग हैं? 22 जुलाई 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि वे अपना टूर गाइड व्यवसाय किस तरह चलाते हैं, कैसे यात्रियों के साथ हमारे व्यवहार में ईमानदारी, शराफत और सत्यनिष्ठा सर्वोपरि होते हैं और कैसे वे यात्री हमारे ग्राहक बनने के बाद मित्र भी बन जाते हैं।

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पूरी ईमानदारी के साथ बेईमानी – भारत में टूर-गाइडों का कमीशन व्यापार – 21 जुलाई 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि किस प्रकार एक टूर-गाइड ने उनके सामने एक प्रस्ताव रखा-पूरी ईमानदारी के साथ अपने कमीशन में हिस्सेदारी! उन्होंने इंकार कर दिया। उनके बीच हुई चर्चा के बारे में यहाँ पढ़िए!

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क्या भारत में टिप की अपेक्षा न रखने वाला पर्यटन-गाइड मिलना असंभव है? 20 जुलाई 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि उनके भाइयों के पास समय न होने पर मेहमानों के लिए बाहर से किसी पर्यटन-गाइड की तलाश बड़ा मुश्किल काम साबित हुआ। यह काम आसान क्यों नहीं है, यहाँ पढ़िए!

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3 तरह के लोग, जो हमारे आश्रम में रहना पसंद करते हैं – 12 फरवरी 2015

स्वामी बालेंदु तीन अलग-अलग तरह के लोगों के बारे में बता रहे हैं, जो आश्रम आने के बारे में पूछताछ करते हैं। पढ़िए और देखिए कि क्या आप इनमें से एक हैं और अगर हैं तो आइए, आपका स्वागत हैं!

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सुन्दर द्वीप, ग्रान कनारिया को बिदाई – 30 जून 2014

ग्रान कनारिया से बिदा लेते हुए स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि जिन लोगों को जानने का उन्हें मौका मिला वे कई बातें अलग ढंग से करते हैं-जैसे छुट्टियाँ मनाने उनका तरीका! कैसे? जानिए, उन्हीं के शब्दों में।

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ग्रान कनारिया में अपरा खूब मज़े लूट रही है – 26 जून 2014

स्वामी बालेन्दु कैनेरी द्वीपों पर अपरा की धमाचौकड़ियों, समुद्री बीचों पर की जा रही मस्ती, ग्रान कनारिया और टेनेरिफ के साहसिक अभियानों के बारे में चर्चा करते हुए बता रहे हैं कि कैसे वह स्पैनिश भी सीखती जा रही है।

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खूबसूरत ग्रान कनारिया द्वीप पर आनंद मनाते हुए – 25 जून 2014

स्वामी बालेन्दु ग्रान कनारिया में काम करते हुए, अपने परिवार के साथ घूमते-फिरते और ख़ुशियाँ मनाते हुए बिताए गए अढ़ाई हफ़्तों के बारे में बता रहे हैं।

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अपरा का पहला भारत-भ्रमण और उसकी मौज-मस्ती – 26 दिसंबर 2013

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि अपरा ने लखनऊ में हमारे लम्बे सप्ताहांत की छुट्टियों का भरपूर लुत्फ उठाया। बाज़ार और चिड़ियाघर के सैरसपाटे में उसकी कारस्तानियों के बारे में यहाँ पढ़िये!

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अपने ही देश मेँ एक देसी सैलानी को विदेशी समझ लिया जाए तो? 25 दिसंबर 2013

स्वामी बालेंदु अपने रोमांचक लखनऊ दौरे के बारे में बता रहे हैं, जहाँ उन्होंने खूब सैरसपाटा किया और दोस्तों के साथ सुखद समय गुज़ारा।

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