हमें घनिष्ट रूप से जुड़ना पसंद है – एक कैनेडियन योग दल का आश्रम आगमन – 13 दिसंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे सारे आश्रम ने एक कैनेडियन दल के साथ बेहद सुखद और व्यस्त समय गुज़ारा। उनके योग विश्रांति शिविर के अनुभवों के विषय में यहाँ पढ़िए।

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प्रिय योग-शिक्षकों, योग को और मुश्किल न बनाएँ – 1 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु योग-शिक्षकों को-और सामान्य रूप से सभी शिक्षकों को-बता रहे हैं कि चीजों को कठिन नहीं बल्कि आसान बनाएँ। यह उनके लिए, उनके छात्रों के लिए और उनके आसपास के लोगों के लिए भी मददगार साबित होगा।

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मैं समझता हूँ कि विदेशी लोगों के लिए विभिन्न योग-मुद्राओं के संस्कृत नामों की आवश्यकता नहीं है! क्यों? 30 सितंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि योग सिखाते समय वे और उनके परिवार के सदस्य विदेशी लोगों के लिए विभिन्न योग-मुद्राओं के लिए सामान्यतया संस्कृत शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते। यहाँ पढ़िए कि क्यों।

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क्या योग सीखने वाले छात्रों की मुद्राएँ ठीक करना आवश्यक है? 29 सितंबर 2015

स्वामी बालेंदु इस प्रश्न पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या योग शिक्षकों को छात्रों को बोलकर या पकड़कर सिखाना चाहिए। यहाँ पढ़िए कि वे सामान्यतः दोनों ही विकल्पों को क्यों खारिज करते हैं।

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भारत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – चीन से चटाइयां और योग के शक्तिशाली व्यापारियों को धनलाभ – 21 जून 2015

स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि कैसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोहों में पर्दे के पीछे एक दूसरा चेहरा भी छिपा हुआ है।

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3 तरह के लोग, जो हमारे आश्रम में रहना पसंद करते हैं – 12 फरवरी 2015

स्वामी बालेंदु तीन अलग-अलग तरह के लोगों के बारे में बता रहे हैं, जो आश्रम आने के बारे में पूछताछ करते हैं। पढ़िए और देखिए कि क्या आप इनमें से एक हैं और अगर हैं तो आइए, आपका स्वागत हैं!

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योग बाज़ार का घपला – योग कक्षा को चुनना जैसे दूध खरीदना! 17 नवम्बर 2014

स्वामी बालेन्दु दूध और योग खरीदने के बीच समानताओं का वर्णन कर रहे हैं-पुराने समय के मुकाबले अब दोनों में बड़ा परिवर्तन आ गया है!

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विशेष छूट: सभी विश्रांति कार्यक्रमों पर 20% की छूट! 31 जुलाई 2014

स्वामी बालेंदु एक विशेष पेशकश की घोषणा कर रहे हैं, जो उनके विश्रांति कार्यक्रमों पर सामान्य खर्च के पाँचवे हिस्से की छूट प्रदान करती है। संबन्धित नियम और शर्तों के विषय में पढ़िये और जानिए कि यह छूट क्यों प्रदान की जा रही है।

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समलैंगिकता का विरोध नहीं, बल्कि स्वीकृति योग का काम होना चाहिए – 1 जून 2014

स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि कैसे उनके एक मित्र का गुरु इस बात को पसंद नहीं करता था कि वह एक समलैंगिक है। वे पूछते हैं कि आखिर कोई ऐसे गुरु का अनुयायी कैसे हो सकता है।

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खड़े होकर ऊंचे डेस्क पर कंप्यूटर पर काम करना गरदन, कंधे और कमर के निचले हिस्से में होने वाले दर्द पर कारगर – 7 जनवरी 2014

स्वामी बालेन्दु खड़े होकर कंप्यूटर पर काम करने के अपने प्रयोग के विषय में बता रहे हैं-इसके लाभ के बारे में और उन्होंने इस बदलाव से क्या महसूस किया, यहाँ पढ़िये!

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