इस संज्ञान का मुकाबला कैसे करे कि आप ज़्यादा दिन ज़िंदा नहीं रहने वाले हैं? 28 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु घातक बीमारियों और अपंगता के बारे में लिखते हुए बता रहे हैं कि ऐसी बीमारियों या ऐसे अपघातों के समाचारों का मुकाबला कैसे करें जहाँ कोई दूसरा विकल्प नहीं होता।

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मृत्यु संबंधी बच्चे के प्रश्न का एक नास्तिक के रूप में क्या जवाब दें – 3 सितंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि अपरा मृत्यु के बारे में क्या-क्या जानती है और किस तरह उसकी जानकारी उससे भिन्न है, जो धार्मिक आस्थावान अपने बच्चों को बताते हैं।

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संथारा की मूर्खतापूर्ण परंपरा की वजह से आत्महत्या को न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता! 26 अगस्त 2015

स्वामी बालेंदु एक टी वी परिचर्चा का ज़िक्र कर रहे हैं, जिसमें वे भी शामिल हुए थे। यह चर्चा संथारा पर थी, जो जैन समुदाय की एक पुरानी परंपरा है और जो 75 साल से ऊपर के लोगों के बीच आत्महत्या को प्रोत्साहन देती है।

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‘मृत्यु के पश्चात जीवन’ (लाइफ आफ्टर डैथ) कार्यक्रम की तैयारी – 23 जुलाई 15

स्वामी बालेंदु आश्रम में इस सप्ताहांत होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों के बारे में बता रहे हैं, जिसका विषय है-मृत्यु उपरांत देह-दान!

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जब स्वयं को प्रबुद्ध समझने वाले व्यक्ति असंवेदनशील बन जाते हैं! 2 नवम्बर 2014

स्वामी बालेन्दु एक ईमेल का ज़िक्र कर रहे हैं, जो उन्हें उनकी बहन की मृत्यु के पश्चात प्राप्त हुआ था। एक ऐसे व्यक्ति के शब्द जिसे वे मित्र समझते थे।

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दुखद हादसों के बाद भी कैसे जीवन अपनी गति से चलता रहता है – 26 अक्टूबर 2014

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि बहन को खोने के बाद किस तरह उनका दैनिक जीवन और काम वापस पटरी पर आए-और किस तरह वे पूरी तरह कभी सामान्य नहीं हो सके!

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प्रियजन को खोना आपके विश्वास की जड़ों को हिला देता है – 12 अक्टूबर 2014

स्वामी बालेंदु अपनी धार्मिकता और अपने परिवार के धार्मिक विश्वासों पर हुए अपनी बहन की मृत्यु के असर का वर्णन कर रहे हैं।

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प्रियजन के विछोह को शब्दों में वर्णन करना संभव नहीं! 5 अक्टूबर 2014

स्वामी बालेंदु उनकी बहन की मृत्यु के बाद उनके परिवार में छाए गहरे शोक का चित्रण कर रहे हैं।

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मेरे जीवन का सबसे बुरा वक़्त: जब मैंने अपनी बहन को खो दिया – 28 सितम्बर 2014

स्वामी बालेन्दु अपनी आत्मकथा में अपनी बहन के दुखद निधन के प्रकरण की चर्चा कर रहे हैं। उनके जीवन के सबसे बुरे समय का विवरण यहाँ पढ़िए।

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अगर आप किसी भी क्षण मरने के लिए तैयार हैं तो फिर डरने की ज़रुरत नहीं! 31 अगस्त 2014

स्वामी बालेन्दु स्वीडन में एक छोटे हवाई जहाज़ में दिए गए अपने एक साक्षात्कार के बारे में बता रहे हैं-मृत्यु भय के बारे में भी!

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