यहाँ सब कुछ आभासी नहीं है: जब सोशल मीडिया मित्रों को वास्तविक जीवन में एक-दूसरे से मिलवाता है! 16 दिसंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे सोशल मीडिया के ज़रिए उन्हें अपने जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त हुए, जिनमें नए-नए दोस्तों का उनके वास्तविक जीवन में प्रवेश सर्वप्रमुख है।

Continue Readingयहाँ सब कुछ आभासी नहीं है: जब सोशल मीडिया मित्रों को वास्तविक जीवन में एक-दूसरे से मिलवाता है! 16 दिसंबर 2015

एक और समारोह, जिसने बच्चों को आश्चर्य में डाल दिया – 19 अक्टूबर 2015

आज आश्रम में आयोजित एक और पार्टी का वर्णन करते हुए स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे उनके स्कूल के बच्चों ने न सिर्फ उसमें हिस्सा लिया बल्कि एक सुखद आश्चर्य से भर उठे!

Continue Readingएक और समारोह, जिसने बच्चों को आश्चर्य में डाल दिया – 19 अक्टूबर 2015

दोस्तों के साथ मौजमस्ती से भरपूर समय बिताना – 18 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु उनके आश्रम में आए हुए दोस्तों के बारे में चर्चा करते हुए बता रहे हैं कि कैसे वे सब मिलकर मौजमस्ती से भरपूर शानदार समय गुज़ार रहे हैं।

Continue Readingदोस्तों के साथ मौजमस्ती से भरपूर समय बिताना – 18 अक्टूबर 2015

बात करने के लिए कभी-कभी आपको किसी दूरस्थ मित्र की ज़रूरत पड़ती है – 8 सितंबर 2015

स्वामी बालेंदु अपने एक मित्र का ज़िक्र कर रहे हैं, जिसने बात करने के लिए उन्हें फोन किया क्योंकि अपने आसपास के लोगों से वह बात नहीं कर पा रहा था! उसकी समस्या क्या थी, यहाँ पढ़िए।

Continue Readingबात करने के लिए कभी-कभी आपको किसी दूरस्थ मित्र की ज़रूरत पड़ती है – 8 सितंबर 2015

सीज़न शुरू होते ही दोस्तों का आना शुरू हो चुका है – आश्रम के जीवन में परिवर्तन हो रहा है – 6 सितंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि आश्रम में नए-पुराने दोस्तों का आना-जाना शुरू हो गया है और वे आपस में अपने अनुभव साझा रहे हैं और आने वाले मेहमानों का स्वागत करके खुश हो रहे हैं।

Continue Readingसीज़न शुरू होते ही दोस्तों का आना शुरू हो चुका है – आश्रम के जीवन में परिवर्तन हो रहा है – 6 सितंबर 2015

लोगों के जीवन पर धर्म और ईश्वर का प्रभाव – भारत और पश्चिमी देशों के बीच तुलना – 3 अगस्त 2015

स्वामी बालेन्दु ईश्वर और धर्म के प्रभाव के मामले में भारत और पश्चिमी देशों में हुए अपने अनुभवों के अंतर के बारे में विस्तार से लिख रहे हैं।

Continue Readingलोगों के जीवन पर धर्म और ईश्वर का प्रभाव – भारत और पश्चिमी देशों के बीच तुलना – 3 अगस्त 2015

वृन्दावन के हमारे आश्रम में नास्तिक सम्मेलन – 26 जुलाई 2015

स्वामी बालेंदु दो दिन पहले उनके आश्रम में आयोजित नास्तिक सम्मेलन के बारे में बता रहे हैं। लोग मरणोपरांत अपना शरीर दान करने के लिए आवेदन कर सकते हैं, अपने विचार और अपने तर्कसम्मत दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं और इनके अलावा समरुचि वाले साथियों के साथ नाच-गाना और मनोरंजन कर सकते हैं!

Continue Readingवृन्दावन के हमारे आश्रम में नास्तिक सम्मेलन – 26 जुलाई 2015

पश्चिमी महिला के लिए क्यों भारत में सामाजिक जीवन बनाने में दिक्कतें पेश आ सकती हैं – 2 जुलाई 2015

स्वामी बालेंदु उन दिक्कतों के बारे में लिख रहे हैं, जो एक पश्चिमी महिला के सामने आ सकती हैं, जो भारत में रहकर वहाँ के समाज में मित्रता स्थापित करने की कोशिश में लगी हैं। पेश आने वाली कुछ संभव दिक्कतों के बारे में यहाँ पढिए।

Continue Readingपश्चिमी महिला के लिए क्यों भारत में सामाजिक जीवन बनाने में दिक्कतें पेश आ सकती हैं – 2 जुलाई 2015

अगर आप अपनी पत्नी के साथ बलात्कार नहीं करते तो आप भारत के सिर्फ 25% लोगों में से एक हैं – 10 जून 2015

अपने मित्र के साथ बलात्कार पर और उससे जुड़े आँकड़ों पर हुई चर्चा का ज़िक्र करते हुए स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे वह मित्र इन आँकड़ों पर भी विश्वास करने को तैयार नहीं हुआ।

Continue Readingअगर आप अपनी पत्नी के साथ बलात्कार नहीं करते तो आप भारत के सिर्फ 25% लोगों में से एक हैं – 10 जून 2015

आप बिकनी पहनना ठीक नहीं समझते? मेरी पत्नी उन्हें बीच पर पहनती हैं! क्या हम अब भी दोस्त बने रह सकते हैं? 9 जून 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्यों उन्हें उन लोगों के साथ घनिष्ठ होना कठिन लगता है, जो भारतीय संस्कृति से प्रभावित परंपरागत जीवन में विश्वास रखते हैं। यह उनके पारिवारिक जीवन के मूल्यों से मेल नहीं खाता!

Continue Readingआप बिकनी पहनना ठीक नहीं समझते? मेरी पत्नी उन्हें बीच पर पहनती हैं! क्या हम अब भी दोस्त बने रह सकते हैं? 9 जून 2015