संबंधों में आने वाली कठिनाइयों के समय मानसिक संतुलन न खोना – 27 अक्टूबर 2015
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि आपसी संबंधों के बीच पैदा होने वाली समस्याओं, जैसे क्रोध, मानसिक पीड़ा और दूसरी समस्याओं का मुक़ाबला कैसे करें।
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि आपसी संबंधों के बीच पैदा होने वाली समस्याओं, जैसे क्रोध, मानसिक पीड़ा और दूसरी समस्याओं का मुक़ाबला कैसे करें।
स्वामी बालेंदु अपने एक मित्र का किस्सा बयान कर रहे हैं, जिसने बिना पूछे अपने एक रिश्तेदार की ज़िम्मेदारी ओढ़ने का प्रयास किया।
स्वामी बालेंदु लिखते हैं उन प्रतिक्रियाओं के बारे में जो उन्हें मिली श्री श्री रविशंकर और आर्ट ऑफ लिविंग के बारे में अपनी डायरी में लिखने के बाद|
स्वामी बालेन्दु अलग अलग लोगों के व्यक्तित्व और स्वभाव के विषय में लिखते हैं कि कुछ लोग तो लड़ाके होते हैं जो कि संघर्ष, तर्क और आक्रमण करते हैं परन्तु कुछ उनकी तरह होते हैं जो इस प्रकार की परिस्थितियों से पलायन करते हैं|
स्वामी बालेन्दु लिखते हैं कि कैसे कुछ लोगों को तोड़फोड़ और दंगों में मज़ा आता है, लगता है कि जब किसी को चोट लगे या आर्थिक नुकसान हो तो ये लोग आनंदित होते हैं|
स्वामी बालेन्दु गीता के अनुसार क्रोध का कारण बताते हैं|
स्वामी बालेन्दु लिखते हैं कि कैसे एक लड़की अपने प्रेमी के गुस्सैल होने की वजह से अपने सम्बन्ध उससे ख़त्म करना चाहती थी|
स्वामी बालेन्दु इस प्रश्न का उत्तर देते हैं कि जब क्रोध आये तो क्या करें?
Excerpt of Swami Ji?s lecture about the eastern philosophy of the three Karmas: Sanchit, Prarabhdh and Kriyman.
स्वामी बालेन्दु गुस्से से निपटने के कुछ व्यावहारिक उपाय बता रहें हैं|