संबंधों में आने वाली कठिनाइयों के समय मानसिक संतुलन न खोना – 27 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि आपसी संबंधों के बीच पैदा होने वाली समस्याओं, जैसे क्रोध, मानसिक पीड़ा और दूसरी समस्याओं का मुक़ाबला कैसे करें।

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किसी दुसरे की ज़िम्मेदारी ओढ़ने की कोशिश भी मत कीजिए- 24 अक्तूबर 2013

स्वामी बालेंदु अपने एक मित्र का किस्सा बयान कर रहे हैं, जिसने बिना पूछे अपने एक रिश्तेदार की ज़िम्मेदारी ओढ़ने का प्रयास किया।

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श्री श्री रविशंकर पर लिखने के बाद प्रशंसा , अपशब्दों एवं चेतावनियों का लेखा – जोखा – 22 फरवरी 13

स्वामी बालेंदु लिखते हैं उन प्रतिक्रियाओं के बारे में जो उन्हें मिली श्री श्री रविशंकर और आर्ट ऑफ लिविंग के बारे में अपनी डायरी में लिखने के बाद|

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लड़ाके लड़ाई जारी रखना पसंद करते हैं – 5 जुलाई 2009

स्वामी बालेन्दु अलग अलग लोगों के व्यक्तित्व और स्वभाव के विषय में लिखते हैं कि कुछ लोग तो लड़ाके होते हैं जो कि संघर्ष, तर्क और आक्रमण करते हैं परन्तु कुछ उनकी तरह होते हैं जो इस प्रकार की परिस्थितियों से पलायन करते हैं|

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हिंसा और दंगा: विध्वंस से आपको क्या प्राप्त होता है? – 1 मई 2009

स्वामी बालेन्दु लिखते हैं कि कैसे कुछ लोगों को तोड़फोड़ और दंगों में मज़ा आता है, लगता है कि जब किसी को चोट लगे या आर्थिक नुकसान हो तो ये लोग आनंदित होते हैं|

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अपने क्रोध को प्रेम से परास्त करो – 20 जुलाई 2008

स्वामी बालेन्दु लिखते हैं कि कैसे एक लड़की अपने प्रेमी के गुस्सैल होने की वजह से अपने सम्बन्ध उससे ख़त्म करना चाहती थी|

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कर्म के तीन प्रकार-संचित,प्रारब्ध एवं क्रियमाण – 14 May 08

Excerpt of Swami Ji?s lecture about the eastern philosophy of the three Karmas: Sanchit, Prarabhdh and Kriyman.

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बिना दमन किए, बिना कष्ट उठाए क्रोध से कैसे निपटें? – 7 मई 2008

स्वामी बालेन्दु गुस्से से निपटने के कुछ व्यावहारिक उपाय बता रहें हैं|

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