Tag: निर्णय

जीवन आपका है, निर्णय भी आपके होने चाहिए-आपको क्या करना है, इस पर धर्म के दबाव का प्रतिरोध कीजिए – 17 सितंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि धर्म चाहता है कि लोग उसके निर्देशों पर चलें ... Read More

नास्तिकों के लिए निर्णय लेना और ज़िम्मेदारी स्वीकार करना क्यों आसान होता है? 30 जुलाई 2015
स्वामी बालेन्दु स्पष्ट कर रहे हैं कि उन्होंने अक्सर यह देखा है कि आस्थावान लोगों ... Read More

कठिन निर्णय: कब कोई बच्चा हमारे स्कूल में भर्ती होने के लिहाज से ‘पर्याप्त गरीब नहीं’ होता? 18 मई 2015
स्वामी बालेन्दु अपनी एक उलझन के बारे में बता रहे हैं: स्कूल में भर्ती के ... Read More

माता-पिता के प्रेम में अपने जीवन से खिलवाड़ – 23 अप्रैल 2015
स्वामी बालेंदु एक वयस्क युवती का किस्सा बयान कर रहे हैं, जो इस डर से ... Read More

अपने माता-पिता को दोष देना बंद कीजिए – अपने जीवन की ज़िम्मेदारी खुद वहन कीजिए! 19 नवंबर 2014
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि अपने माता-पिता की गलतियों पर कुढ़ना बंद करके उसकी ... Read More

संदेहवाद अथवा अज्ञेयवाद एक पड़ाव है, अंतिम लक्ष्य नहीं – 16 जनवरी 2014
स्वामी बालेंदु समझा रहे हैं कि क्यों वे संदेहवादियों को भ्रमित समझते हैं और मानते ... Read More

अपनी स्वाधीनता और ज़िम्मेदारी: परिवार का समर्थन और प्रोत्साहन- 1 दिसंबर 2013
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे उनके परिवार ने उनकी किशोरावस्था से ही उन्हें ... Read More

जबरदस्ती अपने आपको झूठी ख़ुशी के हवाले न करें- 17 अक्तूबर 2013
“आप स्वयं अपने आपको प्रसन्न कर सकते हैं!” स्वामी बालेंदु इस वाक्य का हवाला देते ... Read More

शराब की लत – किसी भी व्यसन को अपने जीवन की कमान मत सौंपिए – 12 दिसंबर 08
स्वामी जी लिखते हैं कि उस समय आपको क्या करना चाहिए, जब आपको लगे कि ... Read More

नशे के आदी बच्चों के माता-पिता क्या करें – 11 दिसम्बर 08
स्वामी जी ने उन बच्चों और किशोरों के बारे में लिखा है जो स्मोकिंग और ... Read More

धुम्रपान छोड़ने का तरीका – 31 मई 08
स्वामी जी ने चिकित्सा सत्र के दौरान धुम्रपान छोड़ने के इच्छुक को धुम्रपान छोड़ने का ... Read More

नशा करना है तो प्रेम का कीजिए – 22 मई 08
स्वामी जी की ड्रग्स और आध्यात्मिकता के बारे में राय: आपको परमानंद के राज्य में ... Read More

एक के बाद एक नए प्रेमसंबंध बनाना – 29 जनवरी 08
स्वामी बालेंदु रिश्तों के बारे में लिखते हुए बताते हैं क्या कारण है कि लोग ... Read More