सिर्फ रहने के स्थान के बदले में दिन भर मजदूरी करना – हमारे स्कूल के बच्चे – 22 जनवरी 2016

स्वामी बालेंदु अपने पाठकों का परिचय अपने स्कूल के दो बच्चों से करवा रहे हैं। उनकी माँ एक विशाल घर में नौकरानी का काम करती है-बदले में उन्हें घर से लगा हुआ एक रिहाइशी फ्लैट मिला हुआ है।

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मोनिका अपनी अंतिम बड़ी शल्यक्रिया के लिए तैयार है – 19 जनवरी 2016

स्वामी बालेंदु निकट भविष्य में होने वाली मोनिका की तीसरी शल्यक्रिया के बारे में लिख रहे हैं। मोनिका उनके स्कूल में पढ़ने वाली वही लड़की है, जो एक हादसे में बुरी तरह जल गई थी।

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जब एक नाई लड़का पैदा करने के चक्कर में पाँच-पाँच बच्चे पैदा कर देता है – हमारे स्कूल के बच्चे – 15 जनवरी 2016

स्वामी बालेंदु एक नाई की बेटी, मोहिनी का परिचय अपने पाठकों से करवा रहे हैं, जो उनके चैरिटी स्कूल में पढ़ने आती है क्योंकि उसका पिता उसे और उसकी चार सहोदर बहनों को आर्थिक कारणों से किसी दूसरे स्कूल में भेजने में असमर्थ है।

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