हाल ही में एक ऑनलाइन आलेख अचानक मेरी नज़रों से गुज़रा, जिसका शीर्षक लगभग इस तरह था : 'मांस के 10 बढ़िया स्थानापन्न'!' जैसी कि आप आशा कर रहे होंगे, आलेख में लेखक ने दस खाद्यों का वर्णन किया था, जिन्हें आप मांस के स्थान पर ग्रहण कर सकते हैं। इस तरह के आलेख मुझे कतई नापसंद हैं। लेकिन रुकिए, '10 बढ़िया…' वाली थीम से मुझे कोई शिकायत नहीं है। वास्तव में इस आलेख का विषय ही मुझे नापसंद है। यह विचार कि क्योंकि आप मांसाहार छोड़ रहे हैं तो आपको उसके स्थान पर कोई और समतुल्य या मांस जैसी लगने वाली खाद्य सामग्री ग्रहण करनी होगी!
मेरे विचार में शाकाहार के प्रति यह एक गलत नज़रिया है। मांस छोड़कर आप शाकाहारी क्यों होना चाहते हैं? इसके कई कारण हो सकते हैं: हो सकता है, आप पशु-प्रेमी हों और उनके विरुद्ध होने वाली क्रूरता समाप्त करना चाहते हों। हो सकता है कि आप इतने संवेदनशील हों कि मुर्गियाँ या बत्तख पालना और फिर भोजन के लिए उनकी हत्या करना आपको कतई जँच न रहा हो। और यह भी हो सकता है कि आपने कहीं पढ़ा हो और आप भी मानते हों कि आपके शरीर के लिए मांसाहार ठीक नहीं है…
इन सभी कारणों का अर्थ यह है कि आपने सोच-समझकर यह निर्णय लिया है कि भविष्य में भोजन में आप मांस ग्रहण नहीं करेंगे। तो फिर आप यह क्यों ज़ाहिर कर रहे हैं कि जैसे आप उसे मिस कर रहे हैं और उसकी जगह कोई समतुल्य या समरूप खाद्य सामग्री ग्रहण करना चाहते हैं?
यही कारण है कि मैं इन सब स्थानापन्न उत्पादों को, जो मोहक आवरणों में, मांस की शक्ल में पेश किए जाते हैं, पसंद नहीं करता-जैसे टोफू-सॉसेजेज़ (tofu-sausages), सीटन-बेकन (seitan-bacon) और वेजिटेरियन चिकन या वीगन टर्की (vegan turkey) आदि! क्या आप मन ही मन टर्की खाने की कल्पना करते हुए शाकाहारी भोजन करना चाहते हैं? नाश्ता मँगवाते समय जब भी आप ‘बिना बेकन के’ (‘without bacon’) कहते हैं तब क्या हर बार आप एक मृत पशु के आहार को मिस कर रहे होते हैं और शाकाहार अपनाने के अपने निर्णय पर बार-बार अफसोस कर रहे होते हैं?
मैं फिर कहूँगा: आपने सोच-समझकर निर्णय लिया है!
बात यह नहीं है कि आपमें मांस भक्षण के प्रति अरुचि है, जो आपको किसी पशु की हत्या करने और उसे पकाकर उसके नर्म गोश्त का लुकमा बनाने से रोकती है! अगर आपमें दूध के प्रति अरुचि होती और दही छोडकर उसके स्थानपन्न के रूप में सोया से तैयार दही से काम चलाना पड़ता तब मैं समझ सकता था कि क्यों आप कभी-कभी दूध से तैयार दही की तरफ देखकर सोचते हैं कि काश! मैं भी दूसरों की तरह यह दही खा सकता।
अगर आपमें शाकाहार के प्रति यह एहसास अब भी बना हुआ है तो फिर आप गलत रास्ते पर हैं। शाकाहारी भोजन करते हुए अगर आपमें कोई अपराधबोध या असंतोष है और आप कुछ और खाना चाहते हैं तो आप शाकाहार अपनाने के प्रयास में सफल नहीं होंगे!
आपको किसी स्थानापन्न की ज़रूरत नहीं है। सामान्य, प्रचलित शाकाहारी व्यंजन तैयार करें। टोफू (tofu) खाएँ, सीटन (seitan) खाएँ या जो मर्ज़ी हो, खाएँ-मगर उसे पशु-चित्रों के आवरण में, पशु-आहार के स्थानापन्न के रूप में नहीं बल्कि सामान्य आवरण में टोफू (tofu) या सीटन (seitan) के रूप में खरीदें! संतुलित आहार लेने पर ध्यान दें और यह न सोचें कि मांस न खाने के कारण आपके आहार में किसी चीज़ का अभाव पैदा हो रहा है-यथोचित शाकाहार मांस भक्षण से कहीं अधिक स्वास्थ्यकर होता है!
शाकाहार अपनाने के अपने निर्णय पर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें और उसका स्थानापन्न खोजने में समय बरबाद ना करें!