एक बच्चे की आँख से दुनिया को देखें और अपना तनाव शांत करें – 17 अगस्त 2015
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि कैसे ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे बनकर वे चिंतामुक्त रह सकते हैं और जीवन का आनंद ले सकते हैं। कैसे अपना नजरिया बदलें? कुछ टिप्स यहाँ पढ़ें।
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि कैसे ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे बनकर वे चिंतामुक्त रह सकते हैं और जीवन का आनंद ले सकते हैं। कैसे अपना नजरिया बदलें? कुछ टिप्स यहाँ पढ़ें।
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि पिछले कुछ महीने वे बहुत व्यस्त रहे लेकिन न तो उन्हें इसका कोई मलाल है और न ही इससे किसी प्रकार की मानसिक या शारीरिक थकान महसूस हो रही है-इसके विपरीत वे बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं!
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि इस वक्त उनके यहाँ बहुत सी परियोजनाओं पर काम चल रहा है और लगातार उनमें व्यस्त होने के बावजूद उन्हें कोई तनाव नहीं होता। क्यों और कैसे? उनके शब्दों में पढ़ें।
आजकल लोग तनावग्रस्त होते हुए भी कड़ी मेहनत करते हैं। किस तरह यह दाम्पत्य संबंधों के लिए मर्मान्तक हो सकता है, समझिए, स्वामी बालेन्दु के शब्दों में!
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्यों ‘आवश्यक कार्यों’ की सूची एक तरफ व्यवस्थित और सुनियोजित बने रहने में आपकी सहायता करती है तो दूसरी तरफ वह आपके भीतर तनाव भी पैदा कर सकती है। ऐसा न हो, इसके लिए आप क्या कर सकते हैं, यहाँ पढ़ें!
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे दूसरों से अपनी तुलना करने पर कई लोग तनावग्रस्त और दुखी हो जाते हैं। इस आदत पर काबू पाने के लिए आप क्या कर सकते हैं, यहाँ पढ़िये!
स्वामी बालेंदु उन लोगों के बारे में लिख रहे हैं, जो शारीरिक और मानसिक क्षय से पीड़ित हैं और अब उससे उबरना चाहते हैं। ऐसे लोगों को क्या चाहिए और उन्हें क्या करना चाहिए, इस विषय पर एक सलाह।
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि किस तरह कई लोग समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं। हर तरह का तनाव और दबाव उन्हें ध्वस्त कर देता है-और अंत में जब जीवन का उन्हें कोई अर्थ नज़र नहीं आता तो अवसादग्रस्त हो जाते हैं।
Swami Balendu describes the most common life plan with its particular time limits and explains why this can create an unnecessary pressure on people.