कृपया ग्लानि न करें यदि किसी की कल्पना करके आपका खड़ा अथवा गीली हो जाए
क्या मोनोगमी अप्राकृतिक है? क्या अपने जीवन साथी के अलावा किसी और के साथ यौन कल्पनाओं का होना मानसिक विकृति है? क्या किसी खूबसूरत स्त्री/पुरुष को देखकर उसके संसर्ग के…
क्या मोनोगमी अप्राकृतिक है? क्या अपने जीवन साथी के अलावा किसी और के साथ यौन कल्पनाओं का होना मानसिक विकृति है? क्या किसी खूबसूरत स्त्री/पुरुष को देखकर उसके संसर्ग के…
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे आप भले ही अत्यधिक सेक्स करते हों, खुले, स्वच्छंद संबंधों में अलग-अलग लोगों के साथ यौनरत होते हों, अंततः आप उससे बोर हो जाते हैं और आपको संतुष्टि नहीं मिलती।
स्वामी बालेंदु धर्म, सेक्स, कुछ नियमों और उनकी आपसी अंतःक्रियाओं से उद्भूत बहुत सारी मज़ेदार बातों के बारे में लिख रहे हैं!
स्वामी बालेंदु अपने एक मित्र के इस विचार का जवाब दे रहे हैं कि ज़्यादा हस्तमैथुन करने से दंपति एक-दूसरे के साथ सोना बंद कर देंगे। इस ब्लॉग में पढ़िए कि क्यों वे सोचते हैं कि इसका ठीक उल्टा होता है।
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि क्यों हस्तमैथुन करना पूरी तरह नैसर्गिक है और उससे आपको कोई हानि नहीं पहुँचती। तो आगे बढिए और खुद आप अपनी मदद कीजिए!
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्यों अश्लील फिल्में या उनके कारण उपजी काम-वासना के नतीजे में बलात्कार नहीं होते। बल्कि इसका विपरीत होता है: काम-वासना का दमन, सेक्स और महिलाओं का दमन ही बलात्कार का कारण बनते हैं!
स्वामी बालेंदु कामुकता को परिभाषित करते हुए बता रहे हैं कि क्यों उनकी नज़रों में वह महज एक सुंदर एहसास है, जो आनंदित करता है- और वास्तव में उसका दमन करना ही बीमारी का लक्षण है!