कृपया ग्लानि न करें यदि किसी की कल्पना करके आपका खड़ा अथवा गीली हो जाए

क्या मोनोगमी अप्राकृतिक है? क्या अपने जीवन साथी के अलावा किसी और के साथ यौन कल्पनाओं का होना मानसिक विकृति है? क्या किसी खूबसूरत स्त्री/पुरुष को देखकर उसके संसर्ग के…

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क्या एक से अधिक व्यक्तियों के साथ सेक्स की इच्छा अस्वाभाविक है

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Read more about the article क्या आप अपने पार्टनर की सामूहिक सेक्स जैसी कल्पनाओं को सुनने के लिए तैयार हैं?
क्या आप अपने पार्टनर की सामूहिक सेक्स जैसी कल्पनाओं को सुनने के लिए तैयार हैं

क्या आप अपने पार्टनर की सामूहिक सेक्स जैसी कल्पनाओं को सुनने के लिए तैयार हैं?

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Read more about the article सेक्सुअल फैंटेसी (यौन फंतासियाँ) कामेच्छा और यौनानंद को बढ़ाने में सहायक हैं
सेक्सुअल फैंटेसी

सेक्सुअल फैंटेसी (यौन फंतासियाँ) कामेच्छा और यौनानंद को बढ़ाने में सहायक हैं

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अत्यधिक सेक्स किस तरह एक रूखा अनुष्ठान बनकर रह जाता है – 2 दिसंबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे आप भले ही अत्यधिक सेक्स करते हों, खुले, स्वच्छंद संबंधों में अलग-अलग लोगों के साथ यौनरत होते हों, अंततः आप उससे बोर हो जाते हैं और आपको संतुष्टि नहीं मिलती।

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धर्म, सेक्स, ईश्वर और आपके पूर्वजों के बीच क्या संबंध है? 13 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु धर्म, सेक्स, कुछ नियमों और उनकी आपसी अंतःक्रियाओं से उद्भूत बहुत सारी मज़ेदार बातों के बारे में लिख रहे हैं!

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हस्तमैथुन से सेक्स के प्रति अरुचि पैदा नहीं होती बल्कि इसका उल्टा होता है! 4 जून 2015

स्वामी बालेंदु अपने एक मित्र के इस विचार का जवाब दे रहे हैं कि ज़्यादा हस्तमैथुन करने से दंपति एक-दूसरे के साथ सोना बंद कर देंगे। इस ब्लॉग में पढ़िए कि क्यों वे सोचते हैं कि इसका ठीक उल्टा होता है।

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अपने हाथ की मदद लें – आपको हस्तमैथुन करते हुए अपराधी क्यों महसूस नहीं करना चाहिए! 3 जून 2015

स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि क्यों हस्तमैथुन करना पूरी तरह नैसर्गिक है और उससे आपको कोई हानि नहीं पहुँचती। तो आगे बढिए और खुद आप अपनी मदद कीजिए!

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अश्लील फिल्में बलात्कार का कारण नहीं हैं। क्यों? 2 जून 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्यों अश्लील फिल्में या उनके कारण उपजी काम-वासना के नतीजे में बलात्कार नहीं होते। बल्कि इसका विपरीत होता है: काम-वासना का दमन, सेक्स और महिलाओं का दमन ही बलात्कार का कारण बनते हैं!

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कामुकता – एक आनंदित करने वाली नैसर्गिक अनुभूति – उसे बीमारी समझने वाले स्वयं बीमार हैं – 1 जून 2015

स्वामी बालेंदु कामुकता को परिभाषित करते हुए बता रहे हैं कि क्यों उनकी नज़रों में वह महज एक सुंदर एहसास है, जो आनंदित करता है- और वास्तव में उसका दमन करना ही बीमारी का लक्षण है!

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