बथुए का रायता-बथुए और दही को मिलाकर बनाया जाने वाला व्यंजन- 16 नवंबर 2013
मैंने पहले ही आपको बताया था कि ठंड में कई तरह की हरी, पत्तेदार सब्जियाँ उपलब्ध होती हैं। उनमें से बथुआ हमारे आश्रम में बहुत ज़्यादा लोकप्रिय है। इस पौधे को प्राणिविज्ञान की भाषा में कीनोपोडियम अलबम कहते है और अंग्रेज़ी में इसके कई नाम हैं: लैंब्ज़ क्वार्टर, मेल, गूज़फूट, फैट-हेन और पिगवीड, हालांकि इन शब्दों को कुछ दूसरी सब्जियों और पौधों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। जैसे क्विनोवा सीड नामक पौधा लगभग इसी के जैसा होता है और उसे पिगवीड भी कहा जाता है। मेरे ख्याल से जिसे हिन्दी में बथुआ कहा जाता है वह सबसे अधिक 'व्हाइट गूज़फूट' से मिलता-जुलता है। हम दूसरी सब्जियों में इस पत्ते की सब्जी को मिलाकर बनाते हैं, ब्रेड में भरकर इसका उपयोग करते हैं और इसका रायता भी बनाते हैं। आज आप इसी रायते को बनाने की विधि सीखने वाले हैं।
बथुए का रायता
बनाने में सरल, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यकर व्यंजन, जो ठंड के मौसम में आपके खाने को संपूर्णता प्रदान करता है।
बथुए का रायता बनाने में कितना वक़्त लगता है?
कुल समय:
सामग्री
500 ग्राम दही
350 मिलीलीटर पानी
250 ग्राम बथुआ
1 छोटी चम्मच ज़ैतून का तेल अथवा जिस भी तेल में आप भोजन बनाते हैं|
1 छोटी चम्मच ज़ीरा
1/2 छोटी चम्मच काली सरसो
1 चुटकी काला नमक
स्वाद के अनुसार नमक
बथुए का रायता कैसे बनाएँ?
दूसरी पत्तियों वाली सब्जियों की तरह सबसे पहले बथुए की पत्तियों को, नर्म डंठलों सहित चुनकर अलग कर लें। मोटी डंठलों को फेंक दें। इसके बाद बथुए की इन चुनी हुई पत्तियों को अच्छे से धो लें।
अब एक बर्तन में 100 मिलीलीटर पानी लेकर और बथुआ डालकर आग पर उबलने के लिए रख दें। जब बथुआ मिश्रित यह पानी उबलने लगे तो तुरंत उतारकर उसे ठंडा होने दें।
जब तक यह काम चल रहा है, दही को एक बरतन में लेकर उसमें बचा हुआ पानी मिला दें और मिश्रण को अच्छे से चलाएं। दही थोड़ा पतला और फेनिल हो जाएगा।
जब बथुआ मिश्रित पानी ठंडा हो जाए तो उसे एक ब्लेंडर में लेकर उसे बारीक पीस लें (उसका पेस्ट बना लें।)। इस पिसे हुए बथुए के पेस्ट को दही के साथ मिलाएँ और चम्मच से अच्छी तरह चलाकर एकसार कर लें।
एक कढ़ाई में तेल गरम करें और जब वह पर्याप्त गरम हो जाए तब उसमें सरसों और जीरे का तड़का लगाएँ। तुरंत ही उनके चटकने की आवाज़ और फूलकर तेल की सतह पर आने से आपको पता चल जाएगा कि तड़का ठीक लगा है। तेल को चलाने पर भी उनके तड़कने की आवाज़ आती ही रहेगी। कढ़ाई को नीचे उतारकर उसे सीधे ठंडे दही और बथुए के मिश्रण में डाल दें। मन को लुभाने वाली झनझनाहट और शानदार खुशबू से मन प्रसन्न हो जाएगा। समझिए, रायता बन ही गया!
बस, उसे थोड़ा और स्वादिष्ट और सुंदर बनाने के लिए एक छोटी कढ़ाई में थोड़ा सा जीरा लेकर भून लें, तेल की आवश्यकता नहीं है। जब जीरा भुनकर गाढ़ा भूरा हो जाए तो उसे एक मोर्टार में बारीक पीस लें। अब पिसा हुआ जीरा और काला नमक डालकर सारे मिश्रण को एक बार और अच्छे से चलाएं और बस, मज़ेदार बथुए के रायते का मज़ा लें! है न यह नई और आसान डिश!?
You must log in to post a comment.