भारत में सामाजिक परिस्थिति लगातार बेहद शर्मनाक, शोचनीय और पीड़ादायक हो चली है – 7 अक्टूबर 2015

स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि क्यों वे समझते हैं कि भारत में मौजूदा हालत न सिर्फ बहुत नाज़ुक और संवेदनशील हो गई है बल्कि वह लगातार बिगड़ती ही जा रही है। इस विषय में विस्तार से यहाँ पढिए।

Continue Readingभारत में सामाजिक परिस्थिति लगातार बेहद शर्मनाक, शोचनीय और पीड़ादायक हो चली है – 7 अक्टूबर 2015

गुरु हो या राजनेता कोई फर्क नहीं पड़ता – भारत में मानव भक्ति – 16 फरवरी 2015

भारत में किस तरह लोग एक गुरु की तरह राजनेता की भी पूजा करते हैं, स्वामी बालेन्दु इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं। यहाँ तक कि उसकी भक्ति में वे अपने मित्रों को भी त्याग देते हैं।

Continue Readingगुरु हो या राजनेता कोई फर्क नहीं पड़ता – भारत में मानव भक्ति – 16 फरवरी 2015

जर्मनी की चुनाव-प्रक्रिया भारत की तुलना में अधिक न्यायपूर्ण और जनतान्त्रिक क्यों है! 21 मई 2014

स्वामी बालेंदु भारत और जर्मनी की मतदान प्रक्रिया का संक्षिप्त वर्णन करते हुए बता रहे हैं कि क्यों इस साल भारत में हुए चुनावों के परिणाम जर्मनी में होते तो बहुत अलग दिखाई देते।

Continue Readingजर्मनी की चुनाव-प्रक्रिया भारत की तुलना में अधिक न्यायपूर्ण और जनतान्त्रिक क्यों है! 21 मई 2014

भारत में धर्म एक व्यापार है: यहाँ लाभ के लिए भगवान बना दिए जाते हैं! 5 सितंबर 2011

स्वामी बालेंदु अन्ना हज़ारे के साथ हुए तमाशे के बारे में, जिसमें लोगों ने ईश्वर की तरह उनकी पूजा करनी शुरू कर दी थी, लिखते हुए स्पष्ट कर रहे हैं कि कैसे भारत में धर्म एक व्यापार है!

Continue Readingभारत में धर्म एक व्यापार है: यहाँ लाभ के लिए भगवान बना दिए जाते हैं! 5 सितंबर 2011