चिंता, अवसाद और निष्क्रियता के लिए एक नास्तिक और भूतपूर्व गुरु के द्वारा बताई ध्यान की इस विधि का प्रयोग करें – 15 अक्टूबर 2015

आजकल बहुत से लोगों के साथ अवसाद, थकान और निष्क्रियता तथा चिंताग्रस्त होने की समस्या जुड़ी होती है। दैनिक जीवन में पेश आने वाले तनावों और श्रम के चलते वे शिथिल और थके हुए लगते हैं। मैं ऐसे बहुत से लोगों से मिल चुका हूँ, कई लोगों के साथ समय गुज़ारा है और अपने सलाह-सत्रों में बातचीत की है। मैंने उनके साथ ध्यान किया है और आज मैं उन लोगों के लिए, जो ऐसी परिस्थितियों से दो-चार होते रहते हैं, एक संक्षिप्त सलाह-सूची प्रस्तुत करना चाहता हूँ। सम्भव है, आपको आज का मेरा ब्लॉग थोड़ा सा अजीब लगे और आम तौर पर यहाँ मैं जैसा लिखता हूँ, उसके विपरीत नज़र आए। मैं खुद यह जानता हूँ कि कुछ ही समय पहले मैंने लिखा था कि ध्यान और योग के लिए किसी सहायता की ज़रूरत नहीं है-लेकिन मैं यह भी जानता हूँ कि इससे बहुत से लोगों को काफी लाभ प्राप्त हुआ है! और यह पाठकों को भी लाभ पहुँचाएगा!

अगर आपको लग रहा है कि आसमान फट पड़ा है और अब कुछ नहीं हो सकता तो ये चंद पंक्तियाँ आपके ही लिए हैं: अगर आपको लग रहा है कि आप अकेले हैं, अगर आपको लग रहा है कि जीवन में अब कुछ भी अच्छा नहीं होगा।

सर्वप्रथम तसल्ली रखें। सबसे पहले शरीर को विश्रांति प्रदान करें-उसके पीछे-पीछे मस्तिष्क भी शांत हो जाएगा। अच्छी, आरामदेह कुर्सी पर बैठें या दीवार से पीठ लगाकर ज़मीन पर आराम से बैठ जाएँ और गहरी साँस लें। अगर आपको ठीक लगता हो तो आँखें बंद करें अन्यथा अपने आसपास की किसी छोटी वस्तु पर मन को एकाग्र करें-कोई बटन, फूल या पर्दे पर बनी कोई आकृति आदि पर। अपनी साँस पर मन को एकाग्र करते हुए गिनती गिनें-साँस भीतर लेते हुए तीन और बाहर छोड़ते हुए पाँच तक गिनें। दिल की धड़कन को धीमा होने दें।

अब हम एक के बाद दूसरी मांसपेशी को विश्रांति देंगे, मतलब कि अपना ध्यान वहां ले जाकर उसे तनाव रहित करके उसे शिथिल करेंगे। शुरुआत पैर की उँगलियों से करें। उन मज्जा-तंत्रिकाओं के विषय में सोचें, जो पैर के पंजों के अंतिम सिरे तक पहुँचती हैं। उसके बाद धीरे-धीरे, पूरा समय लेते हुए क्रमशः पैर के पंजे, टखने, फिर पैरों के ऊपरी हिस्से तक आइए। पूरी तरह चैतन्य रहते हुए हर अवयव को महसूस कीजिए। जब भी किसी विशेष स्थिति में आप दर्द महसूस करें तो उसे याद रखिए लेकिन विचारों को आगे बढ़ने दीजिए, वहीं स्थिर मत होइए। ऊपर बढ़ते हुए कूल्हों तक आइए, उसके बाद पेट और पीठ से होते हुए कंधों तक पहुँचिए। यहाँ आकर अपनी मांसपेशियों को आराम देने की प्रक्रिया शुरू कीजिए-पूरी गरदन से होते हुए बाँहों पर आइए और आगे बढ़ते हुए उँगलियों तक जाने दीजिए। यहाँ हर ऊँगली पर हल्के से रुककर सोचिए और महसूस कीजिए कि कैसे तनाव आपका शरीर छोड़कर बाहर निकल रहा है।

एक बार यहाँ पहुँचने के बाद समझिए कि आप काफी दूर आ गए हैं और तब आप नोटिस भी करेंगे कि आप अब काफी शांत और तनावमुक्त महसूस कर रहे हैं। अब मन में पूरी चैतन्यता में सोचते हुए इन बातों को समझने का प्रयास कीजिए:

कुछ भी हो जाए, जीवन इसी तरह चलता रहेगा। मैं साँस ले रहा हूँ, मैं ज़िंदा हूँ।

आप अकेले नहीं हैं। भले ही आपके बहुत से साथियों-रिश्तेदारों ने आपका साथ छोड़ दिया हो, दुनिया में बहुत से ऐसे लोग भी मौजूद हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं। और ऐसे लोग भी हैं, जो आपकी परवाह करते हैं!

आपमें शक्ति है। आप यहाँ तक पहुँच गए हैं तो और भी आगे बढ़ेंगे।

अंधियारे में आपको अपने चारों तरफ रोशनी नज़र आ रही है। जब आप खुद को शक्तिशाली महसूस करने लगें तो उठ खड़े हों और उसे पाने की कोशिश करें। क्या अब भी आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं? किसी को बुलाइए, जो आपकी मदद कर सके-कोई दोस्त, कोई रिश्तेदार, कोई चिकित्सक या कोई हॉटलाइन भी! अगर किसी की मदद की ज़रूरत महसूस करें तो उसे प्राप्त करने में संकोच न करें!

सबसे मुख्य बात यह कि कभी पीछे मुड़कर न देखें और अपने आपको अपराधी न समझे और न खुद पर शर्म करें। जीवन में ऐसे क्षण या ऐसी कालावधि का आना कोई अनहोनी बात नहीं है। हम उनके साथ विकास करते रह सकते हैं। हम पहले से और अधिक मज़बूत होकर निकलेंगे!

Related posts

कृपया ग्लानि न करें यदि किसी की कल्पना करके आपका खड़ा अथवा गीली हो जाए

क्या मोनोगमी अप्राकृतिक है? क्या अपने जीवन साथी के अलावा किसी और के साथ यौन कल्पनाओं का होना मानसिक विकृति ...

Bitte haben Sie kein schlechtes Gewissen, wenn Sie eine Erektion bekommen oder nass werden, weil Sie sich jemanden vorstellen

Ist Monogamie unnatürlich? Ist es eine psychische Störung, sexuelle Fantasien mit jemand anderem als Ihrem Ehepartner zu haben? Sollten Sie ...

Please don’t feel guilty if you get erection or wet by imagining someone

Is Monogamy Unnatural? Is it a mental disorder to have sexual fantasies with someone other than your spouse? Should you ...

Meine Beziehung zu meinem Vater

Wenn Vater sagt, dass ich für dich tot bin! Stellen Sie sich meinen Geisteszustand vor, als ich Waise wurde, als ...

My relationship with my father

When father says that I am dead for you! Imagine my mental state when I became an orphan when my ...

पिता के साथ मेरा सम्बन्ध

जब पिता कह दे कि मैं मर गया तेरे लिए! कल्पना करें मेरी उस मानसिक दशा की जबकि मैं बाप ...

Neues Kapitel im Leben, Herausforderungen und Lektionen

Ich gehöre auch zu denen, die Indien vor sieben Jahren verlassen haben. Früher habe ich dort Geschäfte gemacht und Steuern ...

New chapter in life, challenges and lessons

I am also one of them who left India 7 years back. Used to do business there and used to ...

जीवन का नया अध्याय, चुनौतियाँ और सबक

मैं भी उनमें से एक हूँ. 7 साल पहले भारत छोड़ के चला गया. वहाँ व्यापार करता था और टैक्स ...

Sexuell missbrauchte elfjährige Schwester und mein Schuldgefühl, dass ich sie nicht retten konnte!

Ich hatte nur eine jüngere Schwester, Para. Sie hat uns vor 17 Jahren für immer verlassen, bei einem Autounfall auf ...

Leave a Reply