Category: हिन्दी

धुम्रपान छोड़ने का तरीका – 31 मई 08
स्वामी जी ने चिकित्सा सत्र के दौरान धुम्रपान छोड़ने के इच्छुक को धुम्रपान छोड़ने का ... Read More

नशा करना है तो प्रेम का कीजिए – 22 मई 08
स्वामी जी की ड्रग्स और आध्यात्मिकता के बारे में राय: आपको परमानंद के राज्य में ... Read More

कर्म के तीन प्रकार-संचित,प्रारब्ध एवं क्रियमाण – 14 May 08
Excerpt of Swami Ji?s lecture about the eastern philosophy of the three Karmas: Sanchit, Prarabhdh ... Read More

चार प्रकार के प्रश्नकर्ता – जिज्ञासु, बुद्धिमान, परीक्षक और आलोचक – 10 मई 2008
स्वामी बालेन्दु चार प्रकार के प्रश्नकर्ताओं का वर्णन करते हैं| ... Read More

बिना दमन किए, बिना कष्ट उठाए क्रोध से कैसे निपटें? – 7 मई 2008
स्वामी बालेन्दु गुस्से से निपटने के कुछ व्यावहारिक उपाय बता रहें हैं| ... Read More

कर्म अच्छा हो या बुरा बंधन का ही कारण है – 28 अप्रैल 08
Swami Ji talks about how good and bad Karma is both binding you. If it ... Read More

पूर्वजन्म के चक्कर में न पड़ें और वर्तमान में जियें – 2 अप्रैल 2008
स्वामी बालेन्दु अच्छे और बुरे कर्मों की चर्चा करते हुए कहते हैं कि पूर्वजन्म की ... Read More

सत्य एक है – अपनी अंतरवाणी को सुनें – 27 मार्च 2008
स्वामी बालेन्दु कहते हैं कि सत्य एक है और हमें अपने अन्दर की आवाज को ... Read More

प्रेमसंबंध में सफलता के चार सोपान – 20 मार्च 08
स्वामी जी प्रेमसंबंध के चार सोपानों की व्याख्या करते हैं : एक दूसरे को जानना, ... Read More

भारतीय और पश्चिमी संस्कृतियाँ एक दूसरे को प्रभावित करती हैं – 11 मार्च 2008
स्वामी बालेन्दु यह बता रहे हैं कि कैसे अच्छी और बुरी दोनों बातें एक से ... Read More

भारतीयों और पश्चिम से आए लोगों के लिए कीमत में अंतर – 25 फरवरी 2008
स्वामी बालेन्दु बता रहे हैं कि कैसे उनके एक मित्र ने जीवन में पहली बार ... Read More

साधु – एक अनासक्त जीवन – 18 फरवरी 2008
स्वामी बालेन्दु भौतिक संसार से पूरी तरह अनासक्त साधुओं के बारे में और विस्तार से ... Read More

पश्चिम में भारतीय परंपराएँ – 13 फरवरी 2008
स्वामी बालेंदु स्पष्ट कर रहे हैं कि कैसे भारतीय गुरुओं द्वारा भारतीय परंपराएँ पश्चिम लाई ... Read More

विश्वास की नींव पर बनाएं रिश्ते – 30 जनवरी 08
स्वामी बालेन्दु बताते हैं कि पश्चिमी देशों में प्रेमसंबध दीर्घजीवी क्यों नहीं होते? ... Read More

एक के बाद एक नए प्रेमसंबंध बनाना – 29 जनवरी 08
स्वामी बालेंदु रिश्तों के बारे में लिखते हुए बताते हैं क्या कारण है कि लोग ... Read More

रिश्तों के घाव भरे अध्यात्म की औषधि – 12 जनवरी 08
स्वामी जी लिखते हैं अपने हीलिंग सत्रों और रिश्तों के विभिन्न पहलुओं के बारे में ... Read More