Category: हिन्दी

आपके विवाह के बाद जब आपकी सास आपकी माहवारी का हिसाब रखने लगती है – 11 जनवरी 2016
स्वामी बालेंदु भारतीय समाज, भारतीय परिवार और सास-ससुर द्वारा डाले जाने वाले दबाव के बारे ... Read More

अपरा का चौथा जन्मदिन समारोह – 10 जनवरी 2016
स्वामी बालेंदु अपरा के चौथे जन्मदिन के समारोह का वर्णन कर रहे हैं, जिसे उसके ... Read More

कद्दू की खीर – कद्दू और दूध की मिठाई बनाने की विधि – 19 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु कद्दू की खीर बनाने की विधि लिख रहे हैं, जिसे कद्दू और दूध ... Read More

हर साल घर में पानी घुस जाता है – हमारे स्कूल के बच्चे – 18 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल के दो सबसे गरीब परिवार से आने वाले बच्चों का परिचय ... Read More

आभासी पर्दे के लिए वास्तविक इंसान को अनदेखा न करें – 17 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि जब कोई व्यक्ति आपसी चर्चा के समय अपने मोबाइल ... Read More

यहाँ सब कुछ आभासी नहीं है: जब सोशल मीडिया मित्रों को वास्तविक जीवन में एक-दूसरे से मिलवाता है! 16 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे सोशल मीडिया के ज़रिए उन्हें अपने जीवन में ... Read More

ऑनलाइन संसार – कितना झूठा, कितना सच्चा? 15 दिसंबर 2015
सोशल मीडिया के बारे में लिखते हुए स्वामी बालेंदु आगाह कर रहे हैं कि ऑनलाइन ... Read More

क्या सोशल नेटवर्किंग साइट्स जीवन में अकेलापन पैदा कर रहीं हैं? 14 दिसंबर 2015
कभी-कभी लगता है जैसे सोशल नेटवर्किंग साइटें वास्तव में अकेलापन बढ़ाती ही हैं, जबकि उन्हें ... Read More

हमें घनिष्ट रूप से जुड़ना पसंद है – एक कैनेडियन योग दल का आश्रम आगमन – 13 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे सारे आश्रम ने एक कैनेडियन दल के साथ ... Read More

मेथी मटर – मेथी और हरी मटर को मिलाकर तैयार सब्जी – 12 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु मेथी मटर बनाने की विधि बता रहे हैं जो मेथी के पत्तों और ... Read More

नाई, जिसके पास स्कूल की फीस भरने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं – हमारे स्कूल के बच्चे – 11 दिसंबर-2015
स्वामी बालेंदु अपने स्कूल के दो बच्चों का परिचय अपने पाठकों से करवा रहे हैं। ... Read More

स्त्रियाँ और पुरुष, दोनों रोज़गार करते हैं मगर घर के कामों की ज़िम्मेदारी सिर्फ स्त्रियों की ही होती है – 10 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे लैंगिक भूमिकाओं को स्त्रियाँ और पुरुष, दोनों ज़िंदा ... Read More

जी नहीं, घर की सफाई करना सिर्फ स्त्रियों का काम ही नहीं है! 9 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि किस प्रकार परंपरागत लैंगिक भूमिकाएँ आज भी सिर्फ भारत ... Read More

भारतीय क्यों सोचते हैं कि बच्चों को अपने अभिभावकों से डरना चाहिए? 8 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु बता रहे हैं कि कैसे स्कूली किताबें डरा-धमकाकर बच्चों का लालन-पालन करने की ... Read More

जब महिलाएँ अपने पति के विवाहेतर संबंधों को स्वीकार कर लेती है – 7 दिसंबर 2015
स्वामी बालेंदु उस परिस्थिति के बारे में लिख रहे हैं, जिसमें भारतीय महिलाएँ और पश्चिमी ... Read More

जर्मनी के खूबसूरत दौरे से भारत वापसी – 6 दिसंबर 2015
भारत लौटकर स्वामी बालेंदु पिछले हफ्ते की अपनी पारिवारिक जर्मनी यात्रा का संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत ... Read More